Shiv Amritwani Full By Anuradha Paudwal | Shiv Amritwani
Tuesday, September 29, 2020
Monday, September 21, 2020
Sunday, September 20, 2020
Saturday, September 19, 2020
शिव मानस पूजा (Shiv Manas Puja)
शिव मानस पूजा (Shiv Manas Puja)
रत्नैः कल्पितमासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्याम्बरं नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदाङ्कितं चन्दनम्।
जातीचम्पकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं देव दयानिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम्॥१॥
सौवर्णे नवरत्नखण्डरचिते पात्रे घृतं पायसं भक्ष्यं पञ्चविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम्।
शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूरखण्डोज्ज्वलं ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु॥२॥
छत्रं चामरयोर्युगं व्यजनकं चादर्शकं निर्मलम् वीणाभेरिमृदङ्गकाहलकला गीतं च नृत्यं तथा।
साष्टाङ्गं प्रणतिः स्तुतिर्बहुविधा ह्येतत्समस्तं मया सङ्कल्पेन समर्पितं तवविभो पूजां गृहाण प्रभो॥३॥
आत्मा त्वं गिरिजा मतिः सहचराः प्राणाः शरीरं गृहं पूजा ते विषयोपभोगरचना निद्रा समाधिस्थितिः।
सञ्चारः पदयोः प्रदक्षिणविधिः स्तोत्राणि सर्वागिरो यद्यत्कर्म करोमि तत्तदखिलं शम्भो तवाराधनम्॥४॥
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेवशम्भो॥५॥ ॥
इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचिता शिवमानसपूजा संपूर्ण॥
Thursday, September 17, 2020
Shree Shiv Panchakshar Stotram / श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्
Shree Shiv Panchakshar Stotram / श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्
श्री शिव पँचाक्षर स्त्रोतम
🙏🌼 ॐ नम: शिवाय 🌼🙏
🙏🌼🌼🌼🌼🌼🙏
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भष्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मयै "न" काराय नम: शिवाय ।। १ ।।
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मन्दाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय
नन्दिश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दार पूष्पबहुपूष्प सुपुजिताय
तस्मयै "म" काराय नम: शिवाय ।। २ ।।
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शिवाय-गौरी बदनाब्ज वृन्दे
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्री निलकण्ठाय वृष्ध्वजाय
तस्मयै "शि" काराय नम: शिवाय ।। ३ ।।
🙏🌻🌼🌻🌼🌻🙏
वशिष्ठ कुम्भोद्वभव गौतमार्य
मुनिन्द्र देवार्चित शेखराय ।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय
तस्मयै "व" काराय नम: शिवाय ।। ४ ।।
🙏🌼🌻🌼🌻🌼🙏
यक्षस्वरुपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मयै "य" काराय नम: शिवाय ।। ५ ।।
🙏🌼🌼🌼🌼🌼🙏
पँचाक्षरमिदं पुण्यं
य:पठेच्छिवसंनिद्यौ ।
शिवलोकमावाप्नोति
शिवेन सह मोदते ।।
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ईति श्रीमन शंकराचार्य
वि-रचितम शिव पँचाक्षर स्त्रोतम सम्पुर्णम् ।।
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Tuesday, September 15, 2020
शिवजी की आरती : ॐ जय शिव ओंकारा
Shri Shiv Chalisa | पवित्र श्री शिव चालीसा- जय गिरिजा पति दीन दयाला
।।दोहा।।
Friday, September 11, 2020
Lord Shiva | Destruction, Mercy and Compassion | ॐ नमः शिवाय
Lord Shiva is not only the Lord of destruction, but also forgives easily and grants us wisdom and turns our fate.
✼ Om Namah Shivay ✼ Jai Mahakaal ✼ Har Har Mahadev ✼
Tuesday, September 8, 2020
Shiva means...
Shiv Tandav (रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र)
इस स्तोत्र को, जो भी पढ़ता है, याद करता है और सुनाता है, वह सदैव के लिए पवित्र हो जाता है और महान गुरु शिव की भक्ति पाता है। इस भक्ति के लिए कोई दूसरा मार्ग या उपाय नहीं है। बस शिव का विचार ही भ्रम को दूर कर देता है।
जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम् ॥1॥
जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि।
धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ॥2॥
धराधरेंद्रनंदिनी विलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगंतसंतति प्रमोद मानमानसे।
कृपाकटाक्षधोरणी निरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्विगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥
जटाभुजंगपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा कदंबकुंकुमद्रव प्रलिप्तदिग्व धूमुखे।
मदांधसिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे मनोविनोदद्भुतं बिंभर्तुभूत भर्तरि ॥4॥
सहस्रलोचन प्रभृत्यशेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसरां घ्रिपीठभूः।
भुजंगराजमालया निबद्धजाटजूटकः श्रियैचिरायजायतां चकोरबंधुशेखरः ॥5॥
ललाटचत्वरज्वल द्धनंजयस्फुलिंगभा निपीतपंच सायकंनम न्निलिंपनायकम्।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालिसंपदे शिरोजटालमस्तुनः ॥6॥
करालभालपट्टिका धगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनंजया धरीकृतप्रचंड पंचसायके।
धराधरेंद्रनंदिनी कुचाग्रचित्रपत्र कप्रकल्पनैकशिल्पिनी त्रिलोचनेरतिर्मम ॥7॥
नवीनमेघमंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर त्कुहुनिशीथनीतमः प्रबद्धबद्धकन्धरः।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिंधुरः कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥
प्रफुल्लनीलपंकज प्रपंचकालिमप्रभा विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्।
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥
अखर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुरद्ध गद्धगद्विनिर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्।
धिमिद्धिमिद्धि मिध्वनन्मृदंग तुंगमंगलध्वनिक्रमप्रवर्तित: प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥
दृषद्विचित्रतल्पयो र्भुजंगमौक्तिकमस्र जोर्गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥
कदा निलिंपनिर्झरी निकुंजकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥13॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथागतिं विमोहनं हि देहिनां सुशंकरस्य चिंतनम् ॥16॥
पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥
Sunday, September 6, 2020
The Family Tree | Priority and meaning of blood relations
Family is the most important part of one's life. There are numerous quotes on family across the globe. The most simple one: "Family First." Life is short . Keep it simple.
By the means of as few words as possible here is the importance of each family member is summarized below:
1. Mother (माँ): माँ का स्थान has always been above any relation in the world. When the world leaves you aside and move forward it's just the mother who lends her hand and pulls you out of garbage and makes you shine.
2. Wife (पत्नी) : After mother comes wife, your Soulmate. No spiritual ceremony can be complete with husband and wife taking an oath together to start and finish the rituals. Wife is also the लक्ष्मी of your house. Respect her. She has left her home and believes in you that you would go beyond limits to keep her smiling always. Your self-happiness is directly proportional to your happiness.
3. Next comes our siblings. Right from birth siblings are the next most important in our lives. There is no such bond in the universe than the one among brothers and sisters.
4. Father: We are just a part of our father. He works day in day out to keep his family and fulfill everyone's dreams at any cost. Be it hard work, or sacrifices father has to go beyond limits in order to handle any situation.
5. In- Laws, friends, rest of the world comes in another category. Their behavior depends upon how you treat them.
Thoughts Welcome :)
Thursday, September 3, 2020
12 Names of Lord Shiva you must know | भगवान शिव के बारह नाम

- Shambhu | शम्भू
- Ish | ईश
- Pashupati | पशुपति
- Shiva | शिव
- Shooli | शूल(eee)
- Maheshwar | महेश्वर
- Ishwarah ईश्वर
- Sharv | सर्व
- Ishan | इशान
- Shankarah | शंकर
- Chandra | चन्द्र
- shekhar | शेखर
Tuesday, September 1, 2020
No.1 Bhajan | Jugalbandi | Tribhuvan Swami Antaryami
Tribhuvan Swami Antaryami, Kab Takk humein bisaaroge...
Tab takk dwar Nahi chodenge jab takk nahi Ubaaroge!
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शिव विवाह कथा || Shiv Vivah Sampuran Katha
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गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः